तुम्हारे चरणों में ,एक पुष्प चढा सकूँ
महक इसमें अमित आभार की है ,
रंग प्यार का है ,
पखुडी पंखुडी इसकी श्रधा और सत्कार की है ।
वरदान दो--इस महक को हर कलि हर पुष्प में पहुँचा सकूँ ॥
तुम्हारे चरणों में ,एक दीप जला सकूँ ,
लौ इसमें ,तुम्हारे दिए ज्ञान की है ,
तेल प्रभु नाम का है ,
बाती बाती में भावना स्नेह और सम्मान की है ,
वरदान दो --दीप तुम्हारे मान का सारी दुनिया में जला सकूँ ॥
तुम्हारे चरणों में ,सदा शीश झुका सकूँ ,
हर साँस अब तेरे नाम की है ,
हर कदम प्रभु धाम का है ,
तेरी साधना ही मंजिल मेरे हर काम की है ,
वरदान दो --तुम्हारी दिखाई राह पर शेष जीवन बिता सकूँ ॥
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aapka ek pehla blog bhee dekha tha...phir ek baar swagat hai..rachna sundar hai, ye kehnekee zaroorat to nahee, haina?
ReplyDeletehttp://kavitasbyshama.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
Sundar praarthna.......... man mein utar gayee seedhe......... swaagat hai aapka
ReplyDeleteswaagat hai, gurur brahma ..gurur vishnu
ReplyDeleteपरमपिता परमेश्वर आपकी जीवन-साधना को परिपक्व और प्रखर करे। आपकी अंतनिZहित शक्तिया जाग्रत हो। जीवन सफलता और समृद्धि की ओर अग्रसर होता रहे। यश एवं कीर्ति के गान जिंदगी के आंगन में गूंंजते रहे। उल्लास और उमंगो की नई तरंगो का स्पशZ मिलता रहे। आंतरिक प्रसन्नता व संतोष से अंत:करण का हर कोना सुवासित होता रहे। ऐसी मंगलकामना।
ReplyDeleteati sundar.narayan narayan
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