एक फरियाद -------एक विश्वास
तुम दाता हो ,तभी तो तुमसे मांगती हूँ
इस नए वर्ष में एक सौगात चाहती हूँ ।
एक फरियाद तुम्हारे चरणों में ------
मुझे वह आँख दे
जो बिन बहे आन्सुयों को देखे ,
वह कान दे
जो किसी के मौन क्रंदन को सुन सके ।
मुझे वह हाथ दे
जिनका स्पर्श ही दर्दे दावा बने
वह मन दे
जो अनजाने बेगानों को भी गले लगा सके ।
मुझे वह पैर दे
जो बिन चले तुझे पा ले
तू दाता मैं भिखारी
भला यहाँ से क्या कोई खाली जा सके ॥
Wednesday, January 6, 2010
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